यूँ ही तबाह अपनी जिंदगी हम यार न कर दे.............
धुंधली यादें
“I'm already crazy. I'm a fearless person. I think it creeps up on you. I don't think it can be stopped. If my destiny is to lose my mind because of fame, then that's my destiny. But my passion still means more than anything.”
Followers
Friday, 9 August 2019
डरता हूँ इक़रार से कही.......
यूँ ही तबाह अपनी जिंदगी हम यार न कर दे.............
Wednesday, 19 July 2017
Sunday, 9 April 2017
पानी को बर्फ में बदलने में वक्त लगता है
@2015 बस यादेँ सिर्फ यादेँ...........
पानी को बर्फ में बदलने में वक्त लगता है,
ढले हुए सूरज को निकलने में वक्त लगता है,
थोड़ा धीरज रख थोड़ा और जोर लगाता रह,
किस्मत के जंग लगे दरवाजे को खुलने में वक्त लगता है,
कुछ देर रुकने के बाद फिर से चल पड़ना दोस्त,
हर ठोकर के बाद संभलने में वक्त लगता है,
बिखरेगी फिर वही चमक तेरे वजूद से तू महसूस करना,
टूटे हुए मन को संवरने में थोड़ा वक्त लगता है,
जो तूने कहा कर दिखायेगा रख यकीन,
गरजे जब बादल तो बरसने में वक्त लगता है,
खुशी आ रही है और आएगी ही इन्तजार कर,
जिद्दी दुख को टलने में थोड़ा में वक्त लगता है.....
****** नितिश श्रीवास्तव ******
ऐसा अपनापन भी क्या जो अजनबी महसूस हो,
@2015 बस यादेँ सिर्फ यादेँ..........
ऐसा अपनापन भी क्या जो अजनबी महसूस हो,
साथ रहकर भी मुझे तेरी कमी महसूस हो,
आग बस्ती में लगाकर बोलते हैं, यूँ जलो,
दूर से देखे कोई तो रोशनी महसूस हो,
भीड़ के लोगों सुनो, ये हुक्म है दरबार का,
भूख से ऐसे गिरी कि बन्दगी महसूस हो,
नाम था उसका बगावत कातिलों ने इसलिये,
क़त्ल भी ऐसे किया कि खुदकुशी महसूस हो,
शाख़ पर बैठे परिन्दे कह रहे थे कान में,
क्या रिहाई है कि हरदम बेबसी महसूस हो,
फूल मत दे मुझको, लेकिन बोल तो फूलों से बोल,
जिनको सुनकर तितलियाँ-सी ताज़गी महसूस
हो,
शर्त मुर्दों से लगाकर काट दी आधी सदी,
अब तो करवट लो कि जिससे ज़िंदगी महसूस
हो,
सिर्फ़ इतने पर बदल सकता है दुनिया का
निज़ाम,
कोई रोये, आँख में सबकी नमी महसूस हो...........
****** नितिश श्रीवास्तव ******
ऎ जिन्दगी मुझे बता ना तूँ
@2015 बस यादेँ सिर्फ यादेँ...........
ऎ जिन्दगी मुझे बता ना तूँ,
कुछ सीखने सीखाने की ललक जगा ना तूँ,
बीत चुका है जो वक्त चाहे जैसा भी था,
आने वाले वक्त को जीने की कला सीखा तूँ,
तेरे पास कुछ भी नही तो क्या एक आस तो है,
जिन्दगी मे कोई मकसद तेरे पास तो है,
सबके लिए नही है तो ना सही,
कछ अपनो के लिए ही सही तु खास तो है,
तु कहता है मौत से बदतर है जिन्दगी,
मौत के पास तो वो भी नही तुझमे तेरी सॉस तो है,
जो तेरे इरादो की कसक को जिन्दा रखे,
तेरे सीने मे ललक की एक फॉस तो है,
जिन पे सब कुछ होता है उनके बस की नही ये बात,
कुछ पाने की आशा का प्रतीक तेरे पास एक काश तो है,
आकाश तो खुद मे कुछ भी नही,
आशाओ का साथ तेरे पास तो है...................
****** नितिश श्रीवास्तव ******