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Tuesday, 4 April 2017

जायेगा जब यहाँ से

@ 2015 बस यादेँ सिर्फ यादेँ............

जायेगा जब यहाँ से,
कुछ भी ना पास होगा,
दो गज कफन का टुकडा,
तेरा लिबास होगा,
काँधे पर धर ले जाये,
परिवार वाले तेरे,
यमदूत ले पकड कर,
डोलेगे धेरे धेरे,
पीटेगा छाती अपनी,
कुनबा उदास होगा,
दो गज कफन का टुकडा ...........
चुन चुन के लकडियो मे,
रख दे तेरे बदन को,
आकर झट उठा ले,
मेहतर तेरे कफन को,
दे देगा आग तुझमे,
बेटा जो खास होगा,
दो गज कफन का टुकडा..........
मिट्टी मे मिली मिट्टी,
बाकी खाक होगी,
सोने से तेरी काया,
जलकर के राख होगी,
दुनिया को त्याग तेरा,
मरधट मे वास होगा,
दो गज कफन का टुकडा.............
हरी का नाम जप के,
भव सिन्धु पार होते,
माया मोह मे फँस के,
जीवन अमोल खोते,
प्रभु का नाम जप ले,
बेडा जो पार होगा,
दो गज कफन का टुकडा...........

***** नितिश श्रीवास्तव *****

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