@ 2013 बस यादें सिर्फ यादें ........................
मैं याद आऔंगा
जब तन्हा राहों पे जाओगे
जितने कदम तुम उठाओगे
कभी दरख्तों की छाओ में
सोचो मुझे सर्द सी आहों में
आँखों से जब मेरा इंतेज़ार बहाओगे
में याद आऔंगा
जाओ जो तुम सपनो के सफर में,
जागोगे जो महकी सेहेर में
कुछ केहते केहते जो तुम खो जाओगे
मैं याद आऔंगा
मन पुकारे तुझे संग
छुपी हेई तेरे दिल में ऐसी कोई धुन
चुपके से कोई भी सरगोश हो
जागो तो फिर भी खामोश हो
ना होगा कोई पास इक होगी आस
याद आयेगी वो बात थामो जो कोई हाथ
मैं याद आओंगा
जब दिल से तुम मुस्कुराओगे
जो याद आओं तो अश्क़ कैसे फिर रोक पाओगे
में याद आऔंगा ...................................................
::::::::::::नितीश श्रीवास्तव ::::::::::