@ 2013 बस यादें सिर्फ यादें ...............
एक बार की बात है
जब मैं स्कूल जाता था,
लेट उठो जिस दिन,
उस दिन पापा से डाँट खाता था,
नींद मे करता हुआ ब्रश,
टायलेट मे घुस जाता था,
ना जाने कैसे दिन थे वो,
टायलेट मे ही सो जाता था,
एक बार की बात है ,
जब मैं स्कूल जाता था,
स्कूल मे ईन्टी करते ही,
ना जाने कैसा खौफ सताता था,
कब होगी छुटटी,
बस यही सब दिल मे आता था,
जैसे जैसे बडे हुऐ,
अब स्कूल मे दिल लग जाता था,
हर सुन्दर लडकी पर,
ना जाने क्यो क्रश हो जाता था,
एक बार की बात है,
जब मै स्कूल जाता था,
वो यारो के संग मस्ती,
वो लडकियाँ थी जब हसती,
कैन्टीन मे यूही,
लन्च ब्रेक निकल जाता था,
अब ना हम थे नादान,
क्योकि बोडॅ के थे एक्जाम,
हमसे कोई पुछो,
वो प्रेशर कैसे झेला जाता था,
एक बार की बात है,
जब मै स्कूल जाता था,
स्कूल का वो आखरी दिन,
और शर्टे पे सिगनेचर किया जाता था,
तब ना थे हम दोस्तो के बिन,
जब मै स्कूल लेके जाता था,
एक बार की बात है,
जब मै स्कूल जाता था.......
::::::::::::नितीश श्रीवास्तव :::::::::::::
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