@ 2013 बस यादें सिर्फ यादें ...............
दहेज अमीरो की शान,
गरीबो के लिये शाप बन जाता है,
लाख बचा ले दामन,
कहाँ गरीब इससे बच पाता है,
रोते बिलखते है,
जिनकी बेटियो को शिकार बनाता है,
बनके लाइलाज बिमारी,
समाज को खाता है,
ना हो पूरी तो बहुओ को निशाना बनाता है,
ता उम्र ना पापियो दहेज काम चलाता है,
क्यूँ अब कापा मन तेरा,
अब क्यूँ तन तेरा थराता है,
देख लम्बे होते दहेज के हाथ,
छोड दिया जमाने ने बेटियो के हाथ,
शायद इसीलिये जन्म से पहले ही मरवाता है,
पहले कहाँ घबराता था इतना,
जितना अब बेटियो से घबराता है...........
::::::::::::नितीश श्रीवास्तव ::::::::::::: गरीबो के लिये शाप बन जाता है,
लाख बचा ले दामन,
कहाँ गरीब इससे बच पाता है,
रोते बिलखते है,
जिनकी बेटियो को शिकार बनाता है,
बनके लाइलाज बिमारी,
समाज को खाता है,
ना हो पूरी तो बहुओ को निशाना बनाता है,
ता उम्र ना पापियो दहेज काम चलाता है,
क्यूँ अब कापा मन तेरा,
अब क्यूँ तन तेरा थराता है,
देख लम्बे होते दहेज के हाथ,
छोड दिया जमाने ने बेटियो के हाथ,
शायद इसीलिये जन्म से पहले ही मरवाता है,
पहले कहाँ घबराता था इतना,
जितना अब बेटियो से घबराता है...........
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