Followers

Thursday, 22 August 2013

खमोशी के पन्नो पर बचपन की याद लिख दे


















@ 2013 बस यादें सिर्फ यादें ...............
खमोशी के पन्नो पर बचपन की याद लिख दे,
इन अनसुनी राहो पर आज कोई फरियाद लिख दे,
वो कोमल सी निष्पाप हँसी,
वो खिलखिलाता सा मन,
ना जाने इन यादो में,
कैसे खो गया बचपन,
पलट के देख वही महका समाँ है,
यादो की करवटो में झुमता जहान है,
बचपन की डोर ने जाने कितने रिश्ते है बांघे,
प्यार से मासूम गांठे है बांघी,
आजाद था मन आजाद थे हम,
दुखः, पीडा, ईष्या, द्वेष कहाँ जाने थे हम,
दोस्तो की बाते दिल की नजदीकियाँ बन जाती थी,
क्या थे वो दिन बस यूही गुजर गये,
गुमनाम इन राहो मे,
जाने हम कब बदल गये,
यादो का संचार है,
जिन पर हमे अभिमान है,
इन यादो को आज मेरा सलाम है,
जिन यादो मे डूबता ये जहान है.....................
::::::::::::नितीश श्रीवास्तव :::::::::::::

2 comments:

  1. कल 18/09/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद!

    ReplyDelete