@ 2013 बस यादें सिर्फ यादें ........................
वो भी क्या दिन थे
मम्मी की गोद ओर पापा के कंधे
ना पैसे की सोच ना लाइफ के फंडे
ना कल की चिंता ना फ्यूचर के सपने
ओर अब
काल की है फिकर ओर अधूरे है सपने
मूड कर देखा तो बहुत दूर है अपने
मंज़िलो को ढूंढते हम कहा खो गये??
ना जाने क्यूं हम इतने बड़े हो गये..............
::::::::::::नितीश श्रीवास्तव ::::::::::::
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