@ 2013 बस यादें सिर्फ यादें ........................
बचपन की वो यादें,
दोस्तो के साथ की गयी वो बातें,
याद हमे आज भी आती है,
दिन मे जाते थे स्कूल ,
और शरारत भरी राते
टूर की! वो लम्बी सी रातें
वो दोस्तों से कॅंटीन मे प्यारी सी बातें
वो गॅदरिंग के दिन का लड़ना झगड़ना
वो टीचर्स का यूहीं हमेशा अकड़ना
भुलाये नहीं भूल सकता है कोई
वो स्कूल, वो शरारतें वो जवानी...
वो काग़ज़ की कश्ती वो बारिश का पानी.......................
::::::::::::नितीश श्रीवास्तव ::::::::::::
No comments:
Post a Comment